Odisha Chhau Dance: बहुत जल्द खुलेगी छऊ नृत्य की अकादमी, जानें इसकी खासियतओडिशा की राज्य सरकार ने छऊ नृत्य को बढ़ावा देने के लिए इसको मयूरभंज जिले में छऊ नृत्य अकादमी बनाने की घोषणा की है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चारण मांझी ने भुवनेश्वर के उत्कल मंडप में मयूरभंज उत्सव के उद्घाटन समारोह के दौरान छऊ नृत्य अकादमी (Chhau Dance Academy) और संस्कृत अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने महाराजा श्री रामचंद्र भज देव को उनकी 150 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
Odisha Chhau Dance की लोकप्रियता
आपको बता दें कि उड़ीसा के मुख्यमंत्री ने मयूरभंज में छऊ नृत्य (Chhau Dance) की लोकप्रियता और निवासियों की मांग को ध्यान में रखते हुए जिले में छऊ नृत्य अकादमी और सांस्कृतिक अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। बताया जाता है कि मयूरभंज जिला अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और विरासत के लिए प्रसिद्ध है। इस जिले में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित की है।
बताया जाता है कि सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण सहित जिले के हरे भरे जंगल, सफेद बाघ सहित विभिन्न वनस्पतियों और जीवों का घर है। इसके साथ इस जिले में कई छोटे बड़े झरने भी हैं जिनमें देवकुंड, भीमकुंड, सीता कुंड और कुचेई शामिल है। इसके साथ बारीपदा में देवी किचकेश्वरी और भगवान जगन्नाथ का मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है जिसको देखने के लिए देश-विदेश से भक्त और पर्यटक आते हैं।
Chhau Dance क्या है?
आपको बता दें की छऊ नृत्य (Chhau Dance) भारत का एक पारंपरिक नृत्य है। यह नृत्य मार्शल आर्ट और लोक परंपराओं का मिश्रण है। इसके साथ यह नृत्य पूर्वी भारत के झारखंड उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में किया जाता है। Chhau Dance जिसे छौ नाच भी कहा जाता है। छऊ नृत्य वसंत त्योहार के क्षेत्र पर्व पर होता है जो 13 दिन तक चलता है। इसके साथ इसमें पूरा संप्रदाय हिस्सा लेता है इस नृत्य में लड़ाई की तकनीक एवं पशु की गति और चाल को प्रदर्शित करता है।
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Chhau Dance की खासियत
आपको बता दें कि छऊ नृत्य (Chhau Dance) में लड़ाई की तकनीक पशुओं की चाल और गांव की महिलाओं के कामों को दिखाया जाता है। इस नृत्य में रामायण और महाभारत की घटनाओं को भी दिखाया जाता है। छऊ नृत्य में मुखौटे का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ इस नृत्य में मोहरी, शहनाई, ढोल, धूम्सा जैसे वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है।