Breaking News: उत्तराखंड के चमोली से एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी बबर्फबारी के बीच ग्लेशियर टूटने की वजह से भारी नुकसान हुआ है। बद्रीनाथ धाम के पास इस ग्लेशियर के टूटने की वजह से करीबन 50 से 60 मजदूर बर्फ के मलबे के नीचे फंस गए हैं।
ITBP ने निकाल लिए 10 से 16 मजदूर मलबे से बाहर
उत्तराखंड के चमोली के माना दर्रे के पास ग्लेशियर फटने की घटना की रिपोर्ट सामने आ रही है। इस ग्लेशियर टूटने की वजह से तकरीबन 50 से 60 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए हैं। यह ग्लेशियर बद्रीनाथ धाम के आसपास फटा है। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने बताया है कि ITBP की मदद से अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और उन्हें नजदीकी सैनिक अस्पताल में ट्रीटमेंट के लिए भेज दिया गया है।
CM धामी ने दिया आश्वासन
ग्लेशियर टूटने की खबर मिलते ही प्रशासन और आईटीबीपी ने जरूरी सावधानी बरतते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है और अन्य फंसे हुए मजदूरों को निकाला जा रहा है। इस हादसे की सूचना मिलते ही CM धामी ने भी सोशल मीडिया एक पर ट्वीट कर हादसे को लेकर दुख जताया है और आश्वासन दिया है की प्रशासन चमोली के माना गांव के निकट BRO के अंतर्गत काम करने वाले सभी दबे हुए मजदूरों को जल्द से जल्द निकाल लेगा इस पूरे कार्य में ITBP BRO और अन्य बचाव दलों की सहायता ली जा रही है।
जानिए कहाँ बर्स्ट हुआ है यह ग्लेशियर
पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कुछ समय पहले ही चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम में सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। जल्द ही चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है जिसको देखते हुए त्वरित गति से यह काम पूरा किया जा रहा था । परंतु हाल ही में चमोली जिले में माना गांव के नजदीक ग्लेशियर बर्स्ट होने की वजह से कई सारे मजदूर बर्फ के मलबे के नीचे दब गए हैं ऐसे में खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन अधिकारी BRO टीम के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर चुके हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 57 से 60 मजदूर के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है जिनमें से 10 मजदूरों को बचा लिया गया है। यह मजदूर गंभीर हालत में रेस्क्यू किए गए हैं जिसकी वजह से इन्हें माना गांव के पास सेना के कैंप में ट्रीटमेंट के लिए भेज दिया गया है।
सुरक्षा दल और टीम कर रहे हैं हर संभव प्रयत्न
बता दे इस बचाव कार्य को काफी तत्परता से पूरा किया जा रहा है। हादसे के बाद से ही ITBP , NDRF और SDRF की टीम में बचाव कार्य में जुट गई हैं। कहा जा रहा है कि जल्द ही अन्य दबे हुए मजदूरों को भी सुरक्षा के साथ बाहर निकाल लिया जाएगा। हालांकि भारी बर्फबारी और खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में कठिनाइयाँ भी आ रही है । वहीं हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग भी नहीं किया जा पा रहा। ऐसे में प्रशासन अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहा है कि जल्द से जल्द बर्फ के नीचे दबे हुए इन मजदूरों को बचा लिया जाए।
मौसम की वजह से बिगड़ रही हैं परिस्थितियां
पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी मौसम में काफी बदलाव देखा जा रहा है । कुछ समय पहले यहां पर बारिश हो रही थी तो आज भारी बर्फबारी के चलते मौसम खराब हो चुका है । खराब मौसम की वजह से भूस्खलन की घटनाएं काफी आम हो जाती है और इसी खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य भी काफी चुनौती पूर्ण हो चुका है।
हालांकि प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही ITBP BROऔर अन्य दलों की मदद से बर्फ के नीचे दबे हुए मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में गौचर और सहस्त्रधारा में उच्च ऊंचाई वाली रेस्क्यू टीमों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है। साथ ही पुष्कर सिंह धामी भी इस घटना पर खुद नजर बनाए हुए हैं । उन्होंने अपने ट्वीट में भगवान बद्री विशाल से यह भी प्रार्थना की है कि भगवान बद्री सभी श्रमिक भाइयों को सुरक्षित बाहर निकलने में सहायता करें।
कुल मिलाकर उत्तराखंड में घटित हुई यह भयंकर त्रासदी मजदूरों और उत्तराखंड नागरिकों के लिए काफी जानलेवा सिद्ध हो रही है । हालांकि प्रशासन और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री यह आश्वासन दे रहे हैं कि जल्द से जल्द इस विपरीत परिस्थिति पर भी काबू पा लिया जाएगा और मलबे में दबे हुए मजदूरों को बाहर सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।