H1 B Visa:अमेरिका में रहने के लिए H1 B वीजा की जरूरत पड़ती है। H1 B Visa को लेकर बहस चल रही है जिसमें भारतीय पेशेवरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि इस वजह से अमेरिका में जॉब करने वाले लोगों की जॉब वापस ली जा रही है। अमेरिका में ज्यादातर लोग भारतीय पेशेवर लोग रहते हैं। इस H1 B वीजा (H1 B Visa) के चलते अमेरिका में लोग रहकर नौकरी और अपनी पढ़ाई कर सकते थे लेकिन अब अचानक से जॉब करने वाले आवेदक का जॉब ऑफर रद्द कर दिया जा रहा है। इससे इन लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि अमेरिका में H1 B Visa के चलते भारतीय पेशेवर अमेरिका में रहकर नौकरी करते थे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने से और उनकी सख्त नीतियों को लागू किया गया है। जिसका असर H1 B Visa पर दिख रहा है। अब इस वीजा के चलते अमेरिका में रह रहे कुछ पेशेवरों की जॉब ऑफर वापस किया जा रहा है। जिस वजह ये इन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
H1B Visa पर हो रहा विवाद
H1 B Visa पर कई तरह का विवाद हो रहा है इस विवाद का असर भारतीय दूतावास पर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। अमेरिका में भारतीय पेशवारों के लिए चुनौती का माहौल बनता जा रहा है। बताया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आने पर कहीं पेशेवरों की नौकरियों के ऑफर वापस न हो जाए इसके साथ वीजा में हो रही देरी और छटनी की चेतावनी का सामना करना पड़ सकता है।
H1 B Visa लोगों की जा रही नौकरियों
अमेरिका में लोग नौकरी सबसे ज्यादा भारतीय लोग करते हैं। बताया जा रहा है कि जो लोग H1 B Visa की मदद से अमेरिका में जॉब को पाना चाह रहे हैं उनके वीजा को कैंसिल कर दिया गया है। इसकी वजह से लोगों पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। इसकी वजह से अमेरिका में लगातार भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल बनता जा रहा है। वहीं अमेरिका वीजा संबंधी चिंताओं के कारण अचानक से जॉब ऑफर को रद्द कर रही है। आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की सरकार 20 जनवरी 2025 को बन जाएगी। लोगों का मानना है कि ट्रंप के आने पर उसके सख्त इमिग्रेशन नीतियों को लागू करने पर बड़ा असर दिख सकता है।
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H1 B Visa अमेरिका में हो सकता है भारतीयों के लिए
अमेरिका में भारतीय पेशवरों के लिए एक चुनौती पूर्ण माहौल बनता जा रहा है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद उनसे उम्मीद की जा रही है कि नियुक्ताओं के लिए वेतन सीमा और लागत बढ़कर h1b के कार्यक्रम में सुधार किया जाएगा। इसके साथ इसका उद्देश्य अमेरिकन श्रमिकों को पहली प्राथमिकता देना है।