जमीन की रजिस्ट्री के खर्च की गणना इस प्रकार करें – Land Registry Expenses Calculation

Land Registry Expenses Calculation: क्या आपने भी हाल ही में कोई नई जमीन खरीदी है या अभी तक अपनी पुरानी जमीन की रजिस्ट्री नहीं करवाई है और इसे करवाने की योजना बना रहे हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपकी इस रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में कितना खर्चा लगेगा ? हालांकि यह खर्चा विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है परंतु जमीन की रजिस्ट्री के खर्चे की पूर्व गणना हम पहले से ही कर सकते हैं।

जैसा कि हम सब जानते हैं जमीन की रजिस्ट्री करवाना हम सभी के लिए बहुत जरूरी होता है। यदि आपने कोई नई प्रॉपर्टी खरीदी है या पुरानी प्रॉपर्टी को बेचना चाहते हैं तो जमीन का रजिस्ट्रेशन होना आवश्यक है । ऐसे में यह साबित हो जाता है की खरीदी हुई या बेची हुई जमीन कानूनी रूप से आपकी है । हालांकि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करने में आपको कुछ खर्चों का भुगतान करना होता है और यह खर्च अलग-अलग कारकों पर निर्भर करते हैं किसी के लिए कम तो किसी के लिए ज्यादा हो सकते हैं।

Land Registry Process: पहले से हो गई और भी आसान

बता दे जमीन के रजिस्ट्री की प्रक्रिया अब काफी आसान हो चुकी है। सरकार ने इस कानूनी प्रक्रिया को अब डिजिटल सशक्तिकरण से जोड़ दिया है । परंतु आज भी कई सारे ऐसे लोग हैं जिन्हें पूरी जानकारी न होने की वजह से जमीन की रजिस्ट्री का खर्च निकालना नहीं आता और ऐसे में उन्हें आसानी से ठग लिया जाता है । आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने वाले हैं ताकि आप सब भी जान सके की जमीन की रजिस्ट्री करवाने में कितना खर्च लगा सकता है।

जमीन की रजिस्ट्री , प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के अंतर्गत किया जाता है। इस एक्ट के अनुसार जिस व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री होती है वह जमीन का मालिक कहलाता है। हर राज्य में जमीन के रजिस्ट्रेशन का खर्चा अलग-अलग होता है जिसकी पूरी जानकारी आपको सरकारी पोर्टल पर मिल जाती है अथवा आप सरकारी दफ्तर में जाकर भी इसकी जानकारी निकाल सकते हैं।

जमीन की रजिस्ट्री करवाने पर क्या लाभ मिलते हैं?

  •  यदि आप जमीन की रजिस्ट्री करवा लेते हैं तो आप इस जमीन के कानूनी रूप से मालिक हो जाते हैं । मतलब अब आप इस जमीन को अपनी इच्छा अनुसार खरीद बेच सकते हैं ।
  • रजिस्टर की हुई जमीन पर बैंक द्वारा लोन भी मिलता है।
  •  वहीं रजिस्ट्री हो जाने पर आपकी जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में जगह मिलती है जहां कोई भी व्यक्ति आपकी जमीन पर अवैध कब्जा नहीं कर पाता ।
  • रजिस्ट्री हो जाने पर जमीन से जुड़े विवादों में भी कमी हो जाती है और जमीन बेचने के दौरान किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं होता।

Ladki Bahin Yojana 3.0: तीसरा चरण प्रारंभ, इस तरह भरे लाडली बहना योजना के फॉर्म

Ladli Behan Yojana 20th installment: चेक करें नयी लिस्ट, सिर्फ इनको मिलेगी 20वीं किस्त

[Rs 300] Gas Subsidy Check: ऐसे चेक करें कि आपके खाते में ₹300 आये या नहीं

जमीन की रजिस्ट्री में होने वाले खर्च – Land Registry Expenses Calculation

  • जैसा कि हमने आपको बताया जमीन की रजिस्ट्री का खर्च हर राज्य में अलग-अलग होता है परंतु कुछ कारक ऐसे होते हैं जिन पर आपको भुगतान करना होता है। जैसे कि स्टांप ड्यूटी का खर्चा ,स्टैम्प ड्यूटी का खर्चा सबसे अधिक होता है जो जमीन की कीमत का एक निश्चित प्रतिशत लिया जाता है । आमतौर यह खर्चा जमीन के मूल्य का 3% से 10% तक होता है।
  •  इसके अलावा जमीन की रजिस्ट्री कराते वक्त नामांकन शुल्क भी लिया जाता है जो की जमीन की कीमत का 1%प्रतिशत होता है।
  •  इसके साथ ही रजिस्ट्री करवाने के दौरान व्यक्ति को सर्च फीस भी देनी होती है जो की जमीन के पिछले रिकॉर्ड को छानबीन करने के लिए ली जाती है ।
  • वहीं रजिस्ट्री के दौरान आपको वकील की भी सहायता लेनी पड़ती है जिसमें आपको उनके शुल्क का भुगतान भी करना पड़ता है।
  •  इसके अलावा जमीन की रजिस्ट्री पर आपको जमीन के स्थान के आधार पर भी खर्च का भुगतान करना पड़ता है ।
  • जमीन की रजिस्ट्री का खर्चा गांव और शहर में अलग-अलग लगता है गांव में जमीन खरीदने पर कम खर्च होता है वहीं शहर में जमीन खरीदने पर रजिस्ट्री का चार्ज ज्यादा होता है।
  • महिलाओं के केस में जमीन की रजिस्ट्री पर कुछ विशेष छूट दी जाती है ।
  • आमतौर पर जमीन की रजिस्ट्री के दौरान यदि महिला के नाम पर जमीन खरीदी गई है तो उन्हें सरकार द्वारा कुछ हद तक छूट मिलती है।

जमीन की रजिस्ट्रेशन के दौरान कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है?

जमीन की रजिस्ट्री करवाते वक्त निम्नलिखित दस्तावेज मूल रूप से आवश्यक होते है

  •  जमीन की बिक्री का एग्रीमेंट
  • खरीदने वाले और बेचने वाले का आधार कार्ड
  • खरीदने वाले का पैन कार्ड
  • बैंक संबंधित दस्तावेज
  •  जमीन खरीदने वाले व्यक्ति का पासपोर्ट साइज फोटो

पोस्ट ऑफिस की धांसू स्कीम- मिलेंगे ₹9250 रूपये हर महीने – POMIS

SBI Clerk Bharti 2025: SBI क्लर्क 14,000 पदों पर निकली भर्ती, Apply Now, 7 जनवरी 2025 से पहले करें आवेदन

जमीन की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया किस प्रकार पूरी करनी पड़ती है

 यदि आप जमीन का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित चरण दर चरण प्रक्रियाएं पूरी करनी होगी

  • जमीन की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए सबसे पहले संपत्ति या जमीन की मार्केट वैल्यू निकाली जाती है।
  •  इसके बाद स्टांप पेपर पर बैनामा तैयार कर जाता है ।
  • बैनामा  तैयार करने के लिए जमीन के मालिक से स्टांप ड्यूटी ली जाती है ।
  • वहीं जमीन की खरीद बिक्री के वर्तमान मालिक और खरीदने वाले की सारी जानकारी दर्ज की जाती है।
  •  इसके पश्चात रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री करवाई जाती है जिसके लिए खरीदने और बेचने वाले के साथ दो अन्य गवाहों की भी जरूरत पड़ती है।
  •  इस पूरी प्रक्रिया में जमीन खरीदने और बेचने वाले के साथ-साथ दोनों गवाहों के फोटो आईडी हस्ताक्षर की जरूरत पड़ती है ।
  • रजिस्ट्री के पश्चात रजिस्ट्रार कार्यालय से जमीन खरीदने वाले को एक पर्ची दी जाती है ।
  • यह पर्ची इस बात का सबूत होती है की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है और अब खरीदार के पास जमीन के पूरे मालिकाना हक है।

निष्कर्ष

इस प्रकार यदि आप भी अपनी खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं या पुरानी जमीन की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करना चाहते हैं तो आप अब आसानी से आने वाले खर्च की गणना (Land Registry Expenses Calculation) कर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर सकते हैं।

opscrecruitment

Author

Leave a Comment